कुंभ के दौरान किए गये कम से कम 1 लाख कोविड टेस्ट फर्जी, मीडिया रिपोर्ट मे खुलासा, पढ़िये पूरी खबर

हरिद्वार: कुंभनगरी में इस साल लगे कुंभ मेले में Covid-19 के नियमों से जुड़ी एक बेहद ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है। ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुंभ 2021 के दौरान किए गए चार लाख Covid-19 टेस्ट में से कई फर्जी थे। रिपोर्टों की एक विस्तृत जांच से पता चला कि एक निजी एजेंसी की तरफ से किए गए कम से कम 1 लाख टेस्ट की रिपोर्ट जाली थी। कुछ दिन पहले ही उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में नकली टेस्ट रिपोर्ट का खुलासा किया और पाया कि इन रिपोर्ट में इस्तेमाल किए गए एड्रेस और फोन नंबरों उनके पते फर्जी थे। कथित तौर पर, एक मामले में, तो 50 से ज्यादा लोगों को रजिस्ट्रेशन करने के लिए एक ही फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया था, जबकि एक एंटीजन टेस्टि किट से ही 700 सैंपल का टेस्ट किया था। इस किट पर एक विशेष नंबर होता है और इससे एक बार में एक ही सैंपल का टेस्ट हो सकता है। जांच का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने TOI को बताया, "पते और नाम काल्पनिक थे। हरिद्वार में "हाउस नंबर 5" से करीब 530 सैंपल लिए गए। क्या एक घर में 500 से ज्यादा लोग रह सकते हैं? अजीबोगरीब पते दिए गए हैं- हाउस नंबर 56 अलीगढ़, हाउस नंबर 76 मुंबई।" उन्होंने कहा कि फोन नंबर भी फर्जी थे और कानपुर, मुंबई, अहमदाबाद और 18 दूसरे जगह के लोगों ने एक ही फोन नंबर शेयर किया। कुंभ मेला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह ने कहा कि इस एजेंसी को इन जमा किए गए सैंपल्स को दो प्राइवेट लैब में जमा करना था, जिनकी जांच भी चल रही है।

राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने जांच में भारी गड़बड़ी का संज्ञान लेते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट हरिद्वार DM को भेज दी गई है और कई खामियां पाई गई हैं। नेगी ने कहा, "डीएम से 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद हम कार्रवाई करेंगे।" इस बीच, हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट सी रविशंकर के आदेश के अनुसार जांच चल रही है और सभी एजेंसियों की रुकी हुई पेमेंट को अगले आदेश तक रोक दिया गया है। कथित तौर पर एजेंसी की सैंपल क्लेक्टर पेशेवर नहीं थे, बल्कि राजस्थान के छात्र और डेटा एंट्री ऑपरेटर थे, जो कभी हरिद्वार नहीं गए थे। एक अधिकारी ने कहा, "सैंपल लेने के लिए एक सैंपल क्लेक्टर को शारीरिक रूप से उपस्थित होना पड़ता है। जब हमने एजेंसी के साथ रजिस्टर्ड सैंपल क्लेक्टरों से संपर्क किया, तो हमने पाया कि उनमें से 50% राजस्थान के निवासी थे, कई छात्र या डेटा एंट्री ऑपरेटर थे।"

जांच रिपोर्ट के अनुसार, "एक सैंपल कलेक्टर हनुमानगढ़, राजस्थान में एक सरकारी रजिस्टर्ड केंद्र में कौशल विकास ट्रेनिंग प्रोग्राम में नामांकित व्यक्ति था। पूछताछ करने पर, उसने हमें बताया कि वह कभी कुंभ नहीं गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें उनके ट्रेनर द्वारा डेटा दिया गया था, जिन्होंने उन्हें अपने ट्रेनिंग के हिस्से के रूप में इसे अपलोड करने के लिए कहा था।" हालांकि, अधिकारियों ने दावा किया कि ये इस पूरे खेल की सिर्फ एक कड़ी है, क्योंकि हाई कोर्ट ने उत्तराखंड को कुंभ के दौरान हर दिन कम से कम 50,000 परीक्षण करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा आठ और सैंपल क्लेक्टर एजेंसियों को टेस्टिंग करने का काम सौंपा गया था।

हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक कुंभ उत्सव का आयोजन किया गया और इस दैरान नौ एजेंसियों और 22 प्राइवेट लैब द्वारा लगभग चार लाख टेस्ट किए गए। राज्य विभाग ने भी सरकारी लैब के जरिए अपने खुद के टेस्ट भी किए।

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