संवाददाता राजेंद्र गुसाई-11 ग्राम पंचायतों के 13 से 15 हजार की जन संख्या के बीच तथा ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एन एच-58 )पर स्थित महत्वपूर्ण चिकित्सालय बछेली खाल की स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैैं।अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक चिकित्सालय में डॉ० दीक्षा शर्मा, फार्मेसिस्ट विपिन कुमार तथा वार्ड बॉय देवेंद्र प्रसाद सहित तीन कर्मचारी तैनात हैं, बहुत समय पहले सेवानिवृत्त हो चुके सफाई कर्मचारी की जगह पर अभी तक तैनाती नहीं की गई है,
क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि डॉक्टर व फार्मेसिस्ट कभी कभार ही अस्पताल में दिखते हैं,वरना पूरे चिकित्सालय का कार्यभार वार्ड बॉय देवेंद्र प्रसाद ही थामें हुए हैं
उत्तराखंड प्रदेश प्रधान संगठन की प्रांतीय प्रवक्ता एवं ग्राम पंचायत कुर्न की प्रधान व स्थानीय निवासी पुष्पा रावत ने चिकित्सालय की लचर व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए हैं, और व्यवस्था सुधारने की मांग की है, उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चिकित्सालय को केवल एक वार्ड बॉय चला रहा है, जो न सिर्फ निंदनीय है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की सुधार का ढोल पीट रही प्रदेश सरकार के मुंह पर भी एक तमाचा है,
डॉ व फार्मेसिस्ट के अस्पताल से नदारद रहने की वजह डा० की लड़की का बीमार होना तथा फार्मेसिस्ट ने स्वयं अन्यत्र ड्यूटी होने की बात कह कर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ दिया है,
हाजिरी रजिस्टर से साफ पता चल रहा है कई दिनों से डॉक्टर व फार्मेसिस्ट के हस्ताक्षर ही नहीं हैं
अस्पताल में डॉक्टर तथा फार्मेसिस्ट के अक्सर नदारद रहने की शिकायत जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी राकेश प्रसाद नौटियाल से की गई,उन्होंने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की बात की है,
लचर स्वास्थ्य सेवाओं के बीच दम तोड़ता बछेली खाल राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर केवल शोपीस बनकर रह गया है
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