तो अब कीचड़ में कमल नहीं खिलते, खिले हुए कमल कीचड़ उछालते हैं !

बाबा प्रणाम, चिरंजीव विजयी भवः

 सुना है कि भाजपा विधायक ठुकराल साहब फिर पकड़े गए हैं गाली गलौज करते हुए।

हां बाबा सही सुना है, टोल वसूलने पर ठुकराल साहब का पारा चढ़ गया। जनाब ने टोल वसूलने के लिए तैनात बेचारे मुलाजिम को भद्दी-भद्दी मां–बहिन की गालियां सुनाई। उसे टोल बूथ से बाहर आने के लिए धमकाते रहे । 

वो तो शुक्र है कि मुलाजिम बूथ से बाहर नहीं आया वरना अपने मिज़ाज के मुताबिक विधायक ठुकराल और उनके चेले उस मुलाजिम की अपने मनमाफिक धुनाई करते। जबकि उनके भाई और शागिर्दों ने किच्छा क्षेत्र में तैनात पुलिस अफसर हिमांशु शाह से भिड़ने की कोशिश की।

दबंगई का वो मिज़ाज रहा मानों इस मुल्क में कानून नाम की कोई चीज न हो। भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल सचमुच के राजकुमार हों और ये हुकूमत सामंतशाही की हो। मौके की नजाकत भांपते पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे उन्होंने विधायक और शागिर्दों के उकसाने वाले तेवरों के बावजूद जनप्रतिनिधि के प्रोटोकॉल का मुलाहिजा रखा। तब भी विधायक राजकुमार ठुकराल के तेवरों में नरमी नहीं आयी।

अधिकारियों ने समझाया भी कि कंपनी जल्दी ही काम पूरा कर देगी। बाबा! कसूर तो एनएच74 के निर्माण में लगी कंपनी का भी है और स्थानीय प्रशासन का भी। सीधी सी बात है कि जब सड़क का निर्माण पूरा हुआ ही नहीं तो कंपनी टोल कैसे और किस नियम के तहत जनता से वसूल सकती है। उससे भी अहम बात ये है कि आखिर प्रशासन ने बिना निर्माण पूरे हुए बिना ही कंपनी को टोल वसूलने की परमिशन कैसे दी।

अगर प्रशासन ने कंपनी को इजाजात नहीं दी तो आखिर किसकी शह पर कंपनी ने आम आदमी की जेब में जबरन हाथ डालने की कोशिश की। उस चेहरे को भी बेनकाब होना चाहिए। फिर भी बाबा रूद्रपुर के भाजपा विधायक और उनके चेलों के तेवरों को माफ नहीं किया जा सकता।

क्योंकि विधायक ऐरू-गैरू पार्टी के विधायक नहीं बल्कि भारत को विश्वगुरू बनाने की जद्दोजहद में लगने का दावा करने वाली संस्कारी पार्टी के सदस्य हैं। ऐसे संस्कारी दल के विधायक कैसे गुस्से में किसी नॉन पॉवर वाले अदने से मुलाजिम को मां-बहिन की गाली सुना सकते हैं। बेशक रुद्रपुर विधायक का मिज़ाज़ भाजपा जैसी सिद्धांतों की बात करने वाली पार्टी से मेल नहीं खाता लेकिन भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल हैं कि जरा भी नहीं बदलते। एक विवाद को खत्म हुए कुछ महीने भी नहीं गुजरते कि विधायक ठुकराल अपनी मनमानी पर उतर आते हैं।

ये पहला मामला नहीं है कि जब विधायक ठुकराल ने पार्टी को बेआबरू किया हो। जब हरदा की सरकार थी तब भी गैरसैंण में ठुकराल साहब ने गैरसैंण में मातृशक्ति के प्रति अशोभनीय बातें कह कर सुर्खियां बटोरी थी। उसके बाद अपने आपको धमकी देने वाले एक शख्स को पुलिस के सामने पीटने और गाली-गलौज देने के मामले में चर्चित हुए। हालांकि वैधानिक और पार्टी स्तर पर मामले दब गए। लेकिन ठुकराल साहब ने कोई सबक नहीं लिया। हद तो तब हुई जब भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल ने अपने विधानसभा क्षेत्र में दलित महिलाओं के साथ बदसलूकी की और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया।

पार्टी ने एक्शन लिया और कारण बताओ नोटिस जारी किया।  ठुकराल साहब ने मामला बिगड़ता देख कई पेज का कारण पार्टी अध्यक्ष के सामने पेश किया। पता नहीं पार्टी अध्यक्ष ने कारणों का जिक्र करता भारी- भरकम पुलिंदे पर नजरेंइनायत की या नहीं लेकिन ठुकराल को दलित महिलाओं के साथ दिखाई दबंगई के लिए बरी कर दिया था।  उसके बाद आयोजित गैरसैंण सत्र में ठकराल ने सदन में कांग्रेस के उपनेता और सौम्य स्वभाव के करन माहरा को धमकाने की कोशिश की। जबकि अब नया विवाद सामने आ गया है।

बाबा न जाने क्या होगा कमल वालों का । बाबा वैसे कहते  तो यही थे कि कीचड़ में कमल खिला करते हैं लेकिन ये कैसे कमल हैं जो खुशबू कम दबंगई का कीचड़ ज्यादा उछाल रहे हैं। यही हाल रहा तो पार्टी का भगवान ही मालिक है। लेकिन बड़ी बात ये है बाबा कि, आखिर भाजपा विधायक बार-बार ऐसी दबंगई क्यों दिखा रहें जिसकी वजह से चौक-चौराहों से लेकर सोशल मीडिया में भाजपा जैसी पार्टी को मुन्नी बदनाम हुई का तंज सहना पड़ रहा है।  

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