ATM में कैश है नही और बैंक भरपूर कैश देता नहीं, मतलब भगवान ही मालिक है चारधाम यात्रियों का!

रुद्रप्रयाग- अक्षय तृतीया के शुभ पर्व पर गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है। उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ माने जानी वाली चार-धाम यात्रा में इस बार उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है।

लेकिन अगर हालात यूं ही रहे और बदलाव न हुआ तो मुमकिन है कि, देश-प्रदेश से आने वाले तीर्थयात्री इस बार चार धाम यात्रा के दौरान परेशान रहें। उसकी वजह है उत्तराखंड की खाली ट्रेलर मशीन। देहरादून से लेकर पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग से लेकर उत्तरकाशी तक हर इलाके से यही खबर आ रही है कि एटीएम खाली है तो बैंक ऊंट के मुंह में जीरा जैसी नगदी से काम चला रहे हैं।

नकदी के आभाव में सबसे ज्यादा किल्लत उन घरों को झेलनी पड़ रही है जहां कोई बीमार है या फिर जहां कोई शादी ब्याह का माहौल है। शादी वाले घरों में रिति-रिवाज निबटाने के लिए स्वैप मशीन का भी सहारा नहीं है। स्वैप मशीने होती भी तो कई इलाके ऐसे हैं जहां इंटरनेट की सहूलियत नहीं है।

तकनीक के दौर में ये भी मुमकिंन हो सकता था लेकिन उत्तराखंड के कस्बाई बाजार में अब भी उन्ही खाता-बही वाले दुकानदारों का कब्जा है जो नौ नकद सौ उधार पर यकीन रखते हैं और मुद्रा की तरलता पर ही यकीन करते हैं। बिना नकदी उनके लिए व्यापार नहीं है।

ऐसे हालात में उत्तराखंड के छोटे जिलों के एटीएम और बैंक नगदी के बिना जी रहे हैं और आम आदमी नकदी के लिए त्राहिमाम कर रहा है। बाजार की हालत पतली है कहीं कोई रौनक नहीं। परिचित उधार से काम चला रहें है जबकि अपरिचित जेब में मौजूद नकदी को भींचे हुए हैं। खुले हाथ किसी के भी नहीं है न दुकानदारों के न ग्राहकों के। 

 

बहरहाल चार धाम यात्रा के अहम पड़ाव  रुद्रप्रयाग जिले की बात करें तो मुख्यालय में तकरीबन एक दर्जन एटीएम हैं। लेकिन किसी में भी कैश नहीं है। जबकि बैंक 10 हजार की जगह पांच हजार से काम चलाने की सलाह दे रहा है। ऐसे में उन तीर्थयात्रियों पर क्या गुजरेगी जो बेचारे एटीएम के भरोंसे चार-धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पधार चुके हैं या पधारने वाले हैं।

तय है कि अगर सरकार ने इंटरनेट बैंकिग और भरपूर स्वैप मशीनों के आभाव में जी रहे उत्तराखंड में नकदी का इंतजाम न किया तो चारधाम यात्रा की न केवल रौनक कम होगी बल्कि काम की आस में बैठे पर्यटन और यात्रा से जुड़ कर रोजी-रोटी कमाने वाले कारोबारी भी निराश हो जाएंगे।

जबकि भरपूर नकदी के आभाव में तीर्थयात्री भी मुट्ठी भींच कर चलने को मजबूर होंगे। यानि खाली एटीएम चार धाम यात्रा के लिए बड़ी बाधा बन सकते हैं।        

 

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