और भला क्या करते, सुना है नेपाल से ला रहे हैं लोग पेट्रोल-डीजल? वो दिन दूर नहीं जब लोग जीने को ही विकास समझेंगे

20-Feb-2021 Written by Admin Categories बोल बाबा

मौ0 तारिक अंसारी

(Sub Editor)

देहारादून: देश मे इस वक़्त मंहगाई को लेकर राजनीति गरमा रही है चाहे मंहगे गैस सिलेन्डर की बात करें या डीजल- पेट्रोल की ।देश मे चारो तरफ बढ़ते पेट्रोल – डीजल के दामों ने आग लगा दी है। बढ़ती मंहगाई के मुद्दों को विपक्ष भी लगतार भुना रहा है कांग्रेस के कई दिग्गज बढ़ते तेल की कीमतों पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं एक ट्वीट मे कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, हम दो हमारे दो, डीजल नब्बे, पेट्रोल सौ। सुरजेवाला ने देश में पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा अब भारतीय जनता पार्टी की जगह भयंकर जनलूट पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस नेता ने सरकार पर एक बार फिर कटाक्ष करते हुए उसे पेट्रोलजीवी करार दिया।

देश में पेट्रोल की क़ीमतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। कई शहरों में पेट्रोल की क़ीमतें 100 रुपये प्रति लीटर पार होने की ख़बर से ज़्यादा घमासान इस बात पर मचा है कि पड़ोसी देश नेपाल हमसे ही तेल ख़रीदता है और इसके बाद भी वह हमारे मुक़ाबले 22 रुपये सस्ता पेट्रोल दे रहा है। सुनने मे ये आया है बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नेपाल से लगने वाले इलाक़ों में रहने वाले लोग नेपाल से तेल की तस्करी कर रहे हैं। कुछ लोगों को इसके चलते गिरफ़्तार किए जाने की भी खबर है। 

उत्तर प्रदेश में बहराइच, बिहार के रक्सौल और सीतामढ़ी तथा उत्तराखंड के बनबसा बॉर्डर से ऐसे कई लोग कैमरे की नज़र में आए हैं जो साइकिलों, मोटरसाइकिलों के जरिये नेपाल से पेट्रोल लेकर आ रहे हैं। कारण पूछने पर वे बताते हैं कि भारत में तेल भराने में दम निकल गया है, थोड़ी मेहनत करके नेपाल जाते हैं और वहीं से ले आते हैं। लेकिन कुछ लोगों ने इसकी तस्करी शुरू कर दी है। बिहार के अररिया और किशनगंज जिलों से भी लगती नेपाल सीमा पर लोग गैलन में पेट्रोल लाते देखे जा सकते हैं। 

हालांकि दोनों देशों की सीमा पर पुलिस तैनात रहती है लेकिन बावजूद इसके यह काम जारी है। इससे सबसे बड़ा नुक़सान इन इलाक़ों में पेट्रोल पंप मालिकों को हो रहा है क्योंकि कोई क्यों 22 रुपये महंगा पेट्रोल उनसे ख़रीदेगा जब वो नेपाल जाकर एक बार में बाइक या कार की टंकी फुल कराकर ला सकता है। लोग कह रहे हैं कि पहले जहां उनका 50 रुपये का तेल दिन में लगता था, अब वहां 100 का लग रहा है, सीधा-सीधा 1500 रुपये का ख़र्च उनकी जेब पर पड़ रहा है। लोग सवाल पूछते हैं कि आख़िर नेपाल हमसे इतना सस्ता तेल कैसे दे रहा है। 

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कही थी ये बात

देश में कुछ शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये के ऊपर निकलने के बीच पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसे लेकर बयान आया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने देश के ऊर्जा आयात पर निर्भरता में कमी पर ध्यान दिया होता तो मध्यम वर्ग पर इतना बोझ नहीं बढ़ता। पीएम मोदी ने हाल में ईंधन के दाम में लगतार वृद्धि का जिक्र किये बिना कहा था कि भारत ने 2019-20 में अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस की जरूरत का 53 प्रतिशत से अधिक आयात से पूरा किया। तमिलनाडु में तेल और गैस परियोजनाओं के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘क्या हमारे देश जैसा एक विविधतापूर्ण और प्रतिभावना देश ऊर्जा आयात पर इतना निर्भर रह सकता है? उन्होंने कहा, ‘मैं किसी की आलोचना नहीं करना चाहता, लेकिन इतना जरूर कहना चाहता हूं कि अगर हमने इस मामले में पूर्व में ध्यान दिया होता, हमारे मध्यम वर्ग पर बोझ नहीं पड़ता।

चाहे कोई कुछ भी कहे या कोई राजनैतिक दल कितनी ही बयानबाजी कर ले लेकिन जेब पर फर्क आम आदमी की पड़ता है। सरकारें आती हैं जाती हैं लेकिन मंहगाई आम आदमी को साँप की माफिक डसती है। सरकार एक तरफ रुपयों मे मूल्य बढाती है और पैसों मे घटाकर जनता को बेवकूफ बना देती हैं। यही आलम पेट्रोल के दामों का भी है, सरकार पैसों मे रेट घटाकर जनता को खुश कर देगी। अगर हाल यही रहा तो वो कहावत सच हो जाएगी की जनता को इतना कंगाल कर दो की जनता जीने को ही विकास समझे।

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