जमीने और बसें बेचने की नौबत पर पहुंची उत्तराखंड रोडवेज, वरना कैसे दे कर्मचारियों का वेतन, पढ़िये पूरी खबर

देहरादून: आर्थिक संकट से जूझ रहे उत्तराखंड रोडवेज ने कर्मचारियों का वेतन देने के लिए कंडम हो चुकी बसों को बेचना शुरू कर दिया है। पहली खेप में 106 बसें बेच दी गईं। इससे रोडवेज को दो करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी हुई। उधर, गलत तरीके से एसीपी ले चुके कर्मियों के वेतन में यह धन समायोजित किया जाएगा। प्रथम चरण में 300 कर्मचारियों एसीपी मामले में दोषी पाए गए हैं। कंडम बसों की ब्रिकी और एसीपी मामले की जांच रिपोर्ट आने से रोडवेज को कुछ राहत मिली है। रोडवेज के एमडी आशीष चौहान ने आयु पूरी कर स्क्रैप की श्रेणी में आ चुकी 120 और बसों को भी बेचने की हरी झंडी दे दी। 

सूत्रों के अनुसार,एसीपी के गोलमाल की वजह की वजह से बीते काफी समय से रोडवेज अधिकारी-कर्मचारियों को करीब ढाई करोड़ रुपये का अधिक भुगतान कर रहा था। सरकार के निर्देश पर इस मामले की जांच गड़बड़ी पाए जाने पर अब वसूली की प्रक्रिया शुरू हो रही है। एमडी ने बताया कि कर्मचारियों पर एकमुश्त रिकवरी का बोझ डालना उचित नहीं होगा। ऐसे में उनके लंबित वेतन से ही समायोजित करने का प्रयास किया जाएगा। जांच कमेटी को बाकी कर्मियों की जांच भी जल्द पूरी करने के निर्देश दे दिए हैं। बीते पांच माह के वेतन के रूप में रोडवेज प्रबंधन को कर्मचारियों को करीब 100 करोड़ रुपये देने हैं।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमडी ने कहा कि रोडवेज की काफी कीमती जमीने भी है। शासन से उन्हें बेचने की अनुमति भी है, लेकिन पिछले कई वर्षों से यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। रोडवेज की आर्थिक स्थिति में सुधार, कर्मचारियों को समय पर वेतन देने के लिए इस वक्त रोडवेज को काफी धन की जरूरत है। जल्द ही जमीनों की बिक्री की प्रक्रिया को भी शुरू किया जाएगा। शासन ने रोडवेज के ढांचे को नए सिरे से तैयार करने और भावी योजनाओं की रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए एक अध्ययन दल बना दिया है। शासन को रिपोर्ट जल्द दी जाएगी।

आशीष चौहान, एमडी, रोडवेज

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