फर्जी कोरोना जांच रिपोर्ट मामला, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को दिये ये आदेश

नैनीताल. उत्तराखंड में कोरोना टेस्ट सैंपलिंग को लेकर हुई गड़बड़ी पर अब नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट गंभीर रुख अपनाते हुए सरकार को सैंपलिंग के दौरान हुई गड़बड़ी की पूरी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को भी कई अहम आदेश दिए हैं. कोर्ट ने तीसरी लहर के मद्देनजर कहा है कि कोरोना को लेकर जो भी सुझाव कमेटी ने दिए है उन्हें राज्य सरकार लागू करे. साथ ही सरकार विज्ञापन और अन्य जरियों से लोगों को ब्लैक फंगस और कोरोना संबंधी इलाज व सुविधाओं की पूरी जानकारी दे. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र को कहा है कि वे जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति को पूरा करे. हाईकोर्ट ने कोरोना और ब्लैक फंगस के कारण हो रही मौत पर भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि सरकार जल्द से जल्द कोर्ट में डेथ ऑडिट रिपोर्ट पेश करे. वहीं तीसरी वेव को देखते हुए कोर्ट ने सुझाव दिया कि सरकार समाज के रोल मॉडल्स, सेलिब्रिटी और मोटिवेटर रहे लोगों से जागरुकता अभियान चलवाए.

ग्रामीण इलाकों में हो SOP का पालन

कोर्ट ने कहा कि कोरोना को ग्रामीण इलाकों में फैलने से रोकने के लिए सरकार एसओपी का पालन करे. साथ ही आशा वर्कर, नर्स व होमगार्ड से वैक्सीनेशन की रिपोर्ट तैयार करें और इसके लिए उनको सभी सुरक्षा उपकरण दें जिससे वे पहाड़ में बसे गांवों तक और दूर दराज के इलाकों में जहां पर वैक्सीनेशन की सही जानकारी नहीं हैं वहां तक पहुंच सकें. साथ ही कोर्ट ने ऐसी जगहों पर वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाने के निर्देश भी सरकार को दिए.

अस्पतालों की हो ऑडिट

हाईकोर्ट ने अस्पतालों में मौजूद आईसीयू, वेंटिलेटर समेत सभी मेडिकल उपकरणों की ऑडिट कर रिपोर्ट कोर्ट में जमा करवाने के साथ ही स्वास्‍थ्य सचिव को भी कई जरूरी आदेश दिए. कोर्ट ने स्वास्‍थ्य सचिव को निर्देश दिया कि निजी अस्पतालों में कोरोना की अलग अलग स्टेज का इलाज कितने रुपयों में होगा इसके लिए एक बार फिर आदेश निकालें और कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों का इलाज कहां होगा इसकी भी लिस्ट जारी करें. कोर्ट ने एक पोर्टल तैयार करने को कहा जिससे समाजसेवी मदद करने के उद्देश्य से जुड़ सकें.

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